गोपालगंज से नमो नारायण मिश्रा :- गोपालगंज के 75 वर्षीय बुजुर्ग अमेरिका साह न्याय के लिए पिछले 5 वर्षो से दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। अमेरिका साह पिछले 5 साल से अपनी बुजुर्ग पत्नी बिंदा देवी के साथ गोपालगंज जिला समाहरणालय का चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला है।
सिधवलिया प्रखण्ड के बरहिमा बाजार के रहने वाले 75 वर्षीय बुजुर्ग अमेरिका साह पूर्व में जिला मिट्टी जांच पदाधिकारी के पद पर मोतिहारी में तैनात थे। वे 2009 में रिटायर हो गए। 2011 में अमेरिका साह ने अपने रिटायरमेंट की पूरी पूंजी सिधवलिया के बरहिमा में 18 कट्ठा जमीन में लगा दी। उन्होंने 2011 में अपनी पूरी पूंजी लगाकर जमीन तो जरूर खरीदी। लेकिन आज तक उन्हें जमीन पर मालिकाना हक नहीं मिल सका है।
पीड़ित अमेरिका साह के मुताबिक सिधवलिया प्रखंड के राजस्व कर्मचारी के द्वारा उनके अपने जमीन के दाखिल खारिज को लेकर बतौर घूस 50 हजार रुपये की डिमांड की गई थी। उन्होंने घूस के तौर पर इतनी बड़ी राशि राजस्व कर्मी को नहीं दी। जिससे आज तक उन्हें अपने जमीन का दाखिल खारिज नहीं मिल सका है। अब उसी जमीन पर राजस्व कर्मी की वजह से गांव के भूमाफियाओं का कब्जा है।
अमेरिका साह अपने ही पूंजी से खरीदी गई जमीन पर कब्जा को लेकर गोपालगंज के जिला पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी भूमि राजस्व अधिकारी से लेकर अंचल अधिकारी तक गुहार लगा चुके हैं।
सभी सरकारी कार्यालयों से उन्हें तारीख पर तारीख मिलती गई। लेकिन अमेरिका साहब को न्याय अभी तक नहीं मिला।
अमेरिका साह ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी आवेदन भेजकर न्याय की गुहार लगाई थी। लेकिन अब तक उनके आवेदन का कोई जवाब नहीं आया है।
हमेशा की तरह आज सोमवार को भी अमेरिका साह गोपालगंज जिला समाहरणालय डीएम के दरबार में पहुंचे हैं। लेकिन डीएम साहब की व्यस्तता की वजह से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी।
बुजुर्ग दंपति का कहना है कि सुशासन की सरकार में 18 कट्ठे की जमीन पर उनका अपना मालिकाना हक नहीं हो सका है।
अब रिटायरमेंट के बाद उनकी हड्डियों में इतनी जान नहीं है पति पत्नी रोज गोपालगंज जिला समाहरणालय में आकर गुहार लगा सके।
बिंदा देवी के मुताबिक रोज सुबह 7 बजे वे अपने घर से पैदल निकल जाती है। कई किलोमीटर पैदल और कुछ दूरी बस ऑटो से वे दोपहर में गोपालगंज जिला समाहरणालय में पहुंचती हैं। यहां पर वे अधिकारियों के दफ्तर से लेकर कर्मचारियों के दफ्तर तक भागती दौड़ती हैं। दिन भर भूखे प्यासे वे लोग सत्तू पीकर अपनी भूख मिटाते हैं। फिर शाम को बैरंग वापस अपने गांव लौट जाते हैं। अब अमेरिका का रिटायरमेंट के बाद 5 साल से यही दिनचर्या है।
एनबीटी डॉट कॉम की गोपालगंज टीम ने डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी से इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश की। लेकिन जिला पदाधिकारी से उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। बहरहाल इस बुजुर्ग दंपति को अभी भी न्याय का इंतजार है।
75 वर्षीय बुजुर्ग न्याय की गुहार के लिए जिला समाहरणालय का लगा रहा है चक्कर
