राजद में ’पारिवारिक आरक्षण’ हावी, राजनीतिक कार्यकर्ताओं तक को तरजीह नहींः उमेश सिंह कुशवाहा

arun raj
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पटना :-बिहार जनता दल (यू०) के माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि राजद में ’पारिवारिक आरक्षण’ इस हद तक हावी है कि समर्पित और ज़मीनी स्तर पर कार्य करने वाले राजनीतिक कार्यकर्ताओं तक की लगातार उपेक्षा होती रही है। ऐसे में जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सामाजिक न्याय की बात करते हैं, तो यह आम जनता के गले बिल्कुल नहीं उतरता।


श्री कुशवाहा ने कहा कि जो दल अपने निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर केवल अपने परिवार के सदस्यों को आगे बढ़ाने में जुटा हो, वह कभी भी आम लोगों का हिमायती नहीं हो सकता। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि तेजस्वी यादव स्वयं राघोपुर से विधायक हैं, तेज प्रताप यादव हसनपुर से, रोहिणी आचार्य छपरा से चुनाव लड़ती हैं, मीसा भारती पाटलिपुत्र से सांसद हैं, और राबड़ी देवी वर्तमान में विधान परिषद की सदस्य हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो लोग अपने कार्यकर्ताओं के अधिकारों की हकमरी करते हैं, उन्हें कम से कम आरक्षण और सामाजिक न्याय पर उपदेश देने से परहेज़ करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब 15 वर्षों तक राजद का शासन था, तब उस पार्टी ने केवल अपने परिवार की चिंता की। इसके विपरीत, 2005 में जब माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने सत्ता संभाली, तो उन्होंने अतिपिछड़ा समाज को नगर निकाय और पंचायती राज संस्थाओं आरक्षण का प्रावधान कर उनका राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का ऐतिहासिक कार्य किया।
साथ ही श्री कुशवाहा ने कहा कि स्वयं को जेपी का अनुयायी बताने वाली राजद ने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए समाजवादी राजनीति को छलनी करने का काम किया है। आज तेजस्वी यादव भी उसी मानसिकता के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन अब जनता जागरूक और सतर्क हो चुकी है। उनके छल-कपट की राजनीति अब सफल नहीं होने वाली।

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