एनडीए की संयुक्त प्रेस वार्ता में नेताओं ने किया सभी सीटों पर जीत का दावा

arun raj
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पटना:- आज जदयू के नगर कार्यालय में मुजफ्फरपुर के एनडीए प्रत्याशी राजभूषण निषाद के पक्ष में एनडीए के नेताओं ने संयुक्त प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस अवसर पर जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव रंजन, एनडीए प्रत्याशी श्री राजभूषण निषाद, भाजपा नेता श्री संजीव शर्मा, जदयू के नगर अध्यक्ष श्री अनुपम कुमार, लोजपा जिलाध्यक्ष श्री चुलबुल शाही की उपस्थिति रही।

इस दौरान बिहार की सभी लोकसभा सीटों पर एनडीए की जीत का दावा करते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव रंजन ने कहा कि यह कोई सामान्य चुनाव नहीं बल्कि जनता व परिवारवाद के बीच की लड़ाई है। इसमें एक तरफ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व श्री नीतीश कुमार जी जैसे राष्ट्र व जनता का हित चाहने वाले नेता हैं और दूसरी तरफ परिवार की जमींदारी बचाए रखने की इच्छा रखने वाले लोग हैं। लोकतंत्र व राजशाही के इस मैच में राजद-कांग्रेस बुरी तरह से मात खाने वाले हैं। जनता का रुख स्पष्ट है। बिहार की चालीसों सीटों पर एनडीए की जीत तय है।

उन्होंने कहा कि इस चुनाव में विपक्ष का गिरा हुआ मनोबल भी साफ़ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस को तो चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी भी नहीं मिल रहे हैँ। वास्तव में उन्हें पता है कि सीटों की लड़ाई वह पहले ही हार चुके हैं। अब जो भी लड़ाई है वह जीत के अंतर की है। विपक्ष केवल इसी अंतर को कम करने और अपनी इज्जत बचाने के लिए मैदान में हैं।

तेजस्वी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि राजद के नेता पिछली बार भी जीरो पर आउट हुए थे इस बार भी वह शून्य पर ही बोल्ड होने वाले हैं। यही वजह है कि वह एक करोड़ नौकरी और देश की महिलाओं को एक लाख रूपये सालाना देने जैसी हवा हवाई बातें कर रहे हैं। उनकी हताशा देख ऐसा प्रतीत होता है कि आने वाले समय में कि वह चीन, पाकिस्तान और अमेरिका का भारत में विलय करवाने जैसे वादे न करने लगें।

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यह जान लें कि इस चुनाव में न तो उनके हवा-हवाई वादे काम आने वाले हैं और न ही नवरात्रि में मछली खाकर बहुसंख्यकों को अपमानित करना। जनता भूली नहीं है कि कैसे हर बार मौका मिलने उनकी पार्टी ने राज्य और जनता का शोषण किया है। लोगों को अभी भी याद है कि कैसे उनके राज में जनता शाम ढले सड़कों पर निकलने से भी डरती थी। रंगदारों के भय से राज्य के उद्योग-धंधे चौपट हो गये थे। बिहार के युवा और व्यवसायी सामूहिक पलायन पर मजबूर हो गये थे। किसानों की खड़ी फसलें जला दी जाती थी और नरसंहारों का दौर थमने का नाम नहीं लेता था।

उन्होंने कहा कि यह श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ही थी जिसने बिहार की शक्लो-सुरत को बदला। तब लोग बिजली के लिए तरसते थे और आज राज्य का कोना-कोना बिजली से जगमगा रहा है। हर गांव टोलों में पक्की सड़कों का जाल बिछ चुका है। डबल इंजन सरकार के कारण किसानों को सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है, गरीब महिलाओं को रसोई गैस की सुविधा मिल चुकी है। आयुष्मान भारत से गरीब इलाज में होने वाले खर्चे से निश्चिंत हो गये हैं। युवाओं के लिए हर जिले में इंजीनियरिंग, पोलिटेक्निक कॉलेज खुल रहे हैं। दरअसल परिवारवादीयों के राज में जहां सिर्फ एक ख़ास परिवार और उनकी पालकी ढ़ोने वालों का विकास होता था वहीं एनडीए राज में पहली बार आम जनता के दरवाजे पर विकास पहुंचने लगा।

लोगों से एनडीए प्रत्याशी को जीताने की अपील करते हुए श्री रंजन ने कहा कि मुजफ्फरपुर ने हमेशा ही देश और राज्य को नयी दिशा प्रदान की है। हमें पूरा यकीन है कि इस चुनाव भी यहाँ की जनता परिवारवादियों को मुंहतोड़ जवाब देगी।

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