पटना:- जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव रंजन ने आज कहा है कि पेपर लीक माफिया से तेजस्वी यादव के पीएस से संबंध होने की आ रही खबरों पर कुछ ठोस बताने के बजाए के राजद के नेता अभी भी बात को गोल-गोल घुमाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे लोगों के मन में संदेह उमड़ने लगा है। राजद के भ्रष्टाचारी रवैए और उनके नेताओं की हवाबाजी से लोगों को लगने लगा है कि कुछ न कुछ गड़बड़ जरुर है।
उन्होंने कहा कि ऐसे भी राजद का इतिहास गवाह है कि प्रदेश में होने वाले अधिकांश घोटालों के तार कहीं न कहीं इनके नेताओं से जरुर जुड़ जाते हैं। हकीकत में इनके लिए भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार है। इसीलिए इनके राज में राशन से लेकर सड़क तक भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते थे। याद करें तो इन्होने बाढ़ पीड़ितों को भी नहीं बख्शा था। यहां तक कि जानवरों का चारे से लेकर अलकतरा तक डकारने में इन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। इनके भ्रष्टाचारी रवैए के कारण ही सरकारी दफ्तरों में कोई भी काम घूस दिए बिना नहीं होता था। छात्रों से एडमिशन से लेकर पास करवाने तक के नाम पर पैसे वसूले जाते थे।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि आज भी राजद नेताओं के स्वभाव में कोई परिवर्तन नहीं आया है। इनके सुप्रीमो को जहां आज भी कोर्ट के चक्कर लगाना पड़ रहा है, वहीं इनके युवराज नाबालिग रहते ही करोडपति बन गये। गरीबों का खून चूस और उनकी जमीनें लिखवाकर चौथे दर्जे की नौकरी देने वाले यह लोग अभी जनता का हक मारने की फ़िराक में हैं। इसीलिए जनता का ध्यान अपने भ्रष्टाचार से हटाने के लिए यह लोग सरकार के खिलाफ अनर्गल प्रलापों में व्यस्त रहते हैं।
उन्होंने कहा कि राजद के नेताओं को यह समझ लेना चाहिए कि जिस तरह वह अपने युवराज की करोड़ों की संपत्ति और गरीबों की हड़पी जमीनों पर चुप्पी साधे बैठे हैं, पेपर लीक मामले में वैसा नहीं चलने वाला। सरकार की जांच में दूध का दूध और पानी का पानी होना तय है। इसलिए बेहतर होगा कि वह पहले ही मामले