गोपालगंज से नमो नारायण मिश्रा:- सूबे में पूर्ण शराब बंदी है इसके बावजूद भी अवैध शराब का काला कारोबार फलफूल रहा है वहीं गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई थी। इसके बावजूद भी अवैध शराब का काला कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है।शराबबंदी वाले बिहार में शराब पर नकेल कसने के लिए पुलिस लगातार कारवाई कर रही है। लेकिन बेखौफ शराब माफिया पुलिस को खुली चुनौती देते हुए शराब के धंधे में लगे हुए है।
कुछ ऐसी ही तस्वीरे गोपालगंज से आयी है जहां गंडक नदी के दुर्गम और दियारे इलाके में दूर-दूर तक फैले रैतीली जमीन पर शराब तस्करों की अवैध भट्ठियां सुलग रही थी। शराब तस्करों का ये इलाका इतना दुर्गम क्षेत्र में है जहां पुलिस और उत्पाद टीम को भट्ठियों को ढूंढ पाना आसान नही है। लेकिन उत्पाद विभाग की टीम ने इन भट्ठियों को ढूंढ निकाला। तस्वीरे गोपालगंज के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के आशा खैरा इलाके की है जहां पर एक नही तीन-तीन शराब की भट्ठियां चलायी जा रही थी। पुलिस ने इन भट्ठियों को ड्रोन कैमरे की मदद से चिन्हित करने के बाद ध्वस्त कर दिया और 9 हजार लीटर अर्धनिर्मित शराब को विनिष्ट कर दिया। वहीं, शराब बनाने वाले उपकरण, गैस चूल्हा, ड्रम, गैलन को पुलिस ने मौके पर ही नष्ट कर दिया। पुलिस की इस कार्रवाई के दौरान सक्रिय शराब तस्कर फरार हो गए।
उत्पाद अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि गंडक नदी का जलस्तर घटने के बाद शराब तस्करों ने फिर से देशी और चुलाई शराब की भट्ठियां चलानी शुरू कर दी है। इसलिए उत्पाद टीम और स्थानीय थाने की पुलिस संयुक्त रूप से लगातार ड्रोन कैमरे की मदद से अभियान चला रही है और दियारे इलाके में सक्रिय शराब तस्करो पर कारवाई कर रही है। शराब तस्करों पर इस कारवाई के बाद इलाके में हडकंप मचा है। पुलिस और उत्पाद टीम अब उम्मीद जता रही है कि शराब के मामलों कमी आयेगी।
गोपालगंज उत्पाद थाना महम्मदपुर को सूचना मिली थी कि बैकुंठपुर के आशा खैरा दियारे इलाके में चुलाई शराब का निर्माण किया जा रहा है। सूचना के आधार पर टीम बनाकर छापेमारी की गयी। छापेमारी में तीन शराब की भट्ठी को नष्ट किया गया इसके साथ ही करीब 9 हजार केजी किण्वित गुड़ का पॉश जिससे शराब बनाया जाता है उसे भी नष्ट किया गया है। शराब माफियाओं की गिरफ्तारी नही हो पायी है।