समाजवाद का ढोंग करने वाला ‘लालू परिवार’, देशभर में वंशवादी राजनीति का सबसे बड़ा प्रतीक – उमेश सिंह कुशवाहा

arun raj
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पटना:- लालू प्रसाद यादव के 13वीं बार राष्ट्रीय जनता दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जनता दल (यू) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि सियासी स्वार्थ की पूर्ति के लिए समाजवाद का ढोंग करने वाला ‘लालू परिवार’ पूरे देश में वंशवादी राजनीति का सबसे बड़ा प्रतीक बन चुका है।

उमेश सिंह कुशवाहा

श्री कुशवाहा ने कहा कि बीते तीन दशकों से राजद की बागडोर एक ही व्यक्ति और उसके परिवार के हाथों में केंद्रित रहना इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि पार्टी के भीतर आंतरिक लोकतंत्र जैसी कोई चीज नहीं है। यह तय हो चुका है कि इस दल में नेतृत्व सिर्फ एक ही परिवार तक सीमित रहेगा, भले ही पार्टी में अन्य योग्य, अनुभवी और समर्पित नेताओं की लंबी कतार क्यों न हो।

उन्होंने कहा कि खुद को लोकनायक जयप्रकाश नारायण का अनुयायी बताने वाले लालू प्रसाद यादव ने जेपी के सिद्धांतों की सबसे अधिक अवहेलना की है। जिस समाजवाद के लिए जेपी ने आंदोलन खड़ा किया था, उसी समाजवाद को लालू प्रसाद यादव ने अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए पांव तले रौंदने का कार्य किया है।
     प्रदेश अध्यक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि राजद अब कोई राजनीतिक दल नहीं बल्कि एक ‘प्राइवेट लिमिटेड कंपनी’ बन चुकी है, जिसका संचालन और नियंत्रण पूरी तरह से परिवार के सदस्यों के हाथों में सिमट चुका है। इस पार्टी का उद्देश्य कभी भी जनता की सेवा करना नहीं रहा, बल्कि सत्ता में रहकर अपने निजी हितों की पूर्ति ही इस दल की राजनीति का मूल उद्देश्य रहा है।  उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब विकास की राजनीति और वंशवाद की राजनीति के बीच का अंतर पहचान चुकी है। जो दल केवल परिवारवाद को सर्वोपरि रखते हैं, उनकी राजनीति अब अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। अब उनकी दाल गलने वाली नहीं है।

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