पटना:- जद (यू) प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 निहोरा प्रसाद यादव ने मीडिया में जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हड़बड़ी में सत्ता हासिल करने की होड़ में तेजस्वी यादव को राजनीतिक मूल्यों को ध्वस्त नहीं करना चाहिए। आजतक जो समाजवादी धारा रही है वो जनता से जुड़े उन मुद्दों को उठाने का रहा है जो मुद्दा सरकार से अछूता रह गया है। लेकिन ये तो अनावश्यक रुप से उन्हीं मुद्दों को उठाते हैं जिसको सरकार पूरा कर चुकी होती है।
कोई बात बोलने के पहले यह ध्यान रखना चाहिए कि बिहार की जनता ने इनके माता-पिता एवं महागठबंधन को राज्य के लिए कुछ करने का समय दिया था लेकिन वो उस समय का उपयोग ना विकास के लिए कर पाए, ना रोटी-रोजगार के लिए कर पाए और ना ही लोगों को सुरक्षा दे पाए। जनता इन बातों का आकलन करती है कि पहले बिहार में क्या था और आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने बिहार में क्या काम किया। फर्क साफ है, आज मूल सुविधाओं के लिए जनता को भटकना नहीं पड़ता है। बिहार में जिन नेताओं को चाहे इनके पिताजी ही क्यों ना हों, लंबे संघर्षों के बाद सत्ता के शीर्ष पर बैठने का मौका मिला और मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को भी लंबे संघर्ष के बाद जनता ने सत्ता सौंपी लेकिन तेजस्वी यादव कम दिनों में ही हड़बड़ाहट में सत्ता हासिल करने की दौड़ में दौड़ रहे हैं। लेकिन तेजस्वी यादव को इसका फायदा नहीं मिलने वाला है।
गरीब, दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा समुदाय आज भी लालू-राबड़ी राज को याद कर कराहते हैं, ये बातें तेजस्वी यादव को नहीं भूलना चाहिए। गरीब के साथ व्यापारी, डाॅक्टर, किसान, छात्र ये सब लोग लालू-राबड़ी के शासनकाल के दौरान कराह रहे थे। सत्ता विकास का माध्यम है ना कि लूट खसोट का माध्यम। लेकिन इनके माता-पिता ने सत्ता को लूट-खसोट एवं धन अर्जित करने का माध्यम बना दिया जिसमें तेजस्वी यादव एवं उनका परिवार शामिल रहा। ऐसा व्यक्ति दूसरे पर आरोप लगाकर कभी भी सत्ता हासिल नहीं कर सकता।
जनता अपने विकास, सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए किसी को सत्ता सौंपती है। बिहार का विकास, लोगों की सुरक्षा, शिक्षा एवं रोजगार देने का काम मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने किया लेकिन आपके माता-पिता के शासन में बड़ी चूक हुई। लालू प्रसाद यादव एवं राबड़ी देवी के शासनकाल के दौरान ना बिहार का विकास हुआ, ना लोगों को रोजगार मिला और ना ही लोगों को सुरक्षा मिली।