पटना:- जद (यू) राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव रंजन प्रसाद ने कांग्रेस और आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘पहले सवाल पूछो और फिर भाग जाओ’ ये इन दोनों दलों का राजनीतिक चरित्र रहा है। उन्होंने कहा कि जब तार्किक सवालों का दोनों पार्टियों के पास कोई जवाब नहीं होता है तब ये दोनों पार्टियां पीठ दिखाकर भाग जाती हैं। कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जब चुनाव में इन्हें जीत हासिल होती है तो इन्हें चुनाव आयोग की कार्यशैली पसंद आने लगती है लेकिन जब इन्हें हार मिलती है तो ये दोनों पार्टियां अपनी कमियों को गिनाने की बजाए चुनाव आयोग जैसी सांविधानिक संस्था पर अनर्गल आरोप लगाना शुरु कर देते हैं।
कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के रवैये पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब इनके अनुरोध के बाद चुनाव आयोग ने इन्हें अपनी शिकायत रखने के लिए समय दिया तो इन दोनों पार्टियों की तरफ से चुनाव आयोग को कोई जवाब नहीं दिया गया। जिसका परिणाम ये हुआ कि चुनाव आयोग को इस निर्धारित बैठक को टालना पड़ा। दरअसल इन दोनों पार्टियों की यही हकीकत है कि किसी भी मुद्दे पर लोगों का ध्यान भटकाओ और जब शिकायतों के निवारण की बारी आए तो फिर बिना किसी तर्क के भाग जाओ। विपक्षी दल, विशेष रूप से कांग्रेस और राजद, एक ओर तो निर्वाचन आयोग पर बिहार के मतदाता सूची संशोधन को लेकर आधारहीन आरोप लगाते हैं, वहीं दूसरी ओर आयोग द्वारा संवाद के लिए किए गए प्रयासों का जवाब देने में विफल रहते हैं। यह दोहरा रवैया उनकी गैर-जिम्मेदाराना कार्यशैली को उजागर करता है। विपक्ष द्वारा एसआईआर को अवास्तविक और संदिग्ध करार देना, और इसे मतदान अधिकारों की डकैती या अनौपचारिक एनआरसी से जोड़ना, केवल जनता को भ्रमित करने और राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची का विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) एक नियमित और पारदर्शी प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है। विपक्ष द्वारा इस प्रक्रिया पर सवाल उठाना और इसे हाशिए पर रहने वाले समुदायों के खिलाफ बताना निराधार और भ्रामक है। निर्वाचन आयोग ने सभी दलों को संवाद के लिए बार-बार अवसर प्रदान किए हैं, लेकिन ये साफ तौर पर कहा जा सकता है कि विपक्ष का गैर जिम्मेदाराना रवैया इस प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास है।
कांग्रेस और आरजेडी से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वे निर्वाचन आयोग के साथ रचनात्मक संवाद में भाग लें और अपनी शंकाओं को लेकर ठोस तर्क प्रस्तुत करें साथ ही आधारहीन आरोप लगाने की बजाय लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने में सहयोग करें।
सवाल पूछो और फिर भाग जाओ ये कांग्रेस-आरजेडी का राजनीतिक चरित्र – राजीव रंजन प्रसाद
