पटना:- सभी मनुष्यों को, विशेषकर युवाओं को, भारत की महान खोज ‘योग’ से अवश्य ही जुड़ना चाहिए। योगाभ्यास मनुष्य को तन और मन से स्वस्थ, सबल और ऊर्जावान कर उसके जीवन को आनन्दप्रद और सबके लिए मंगलकारी बना देता है। यह एक विशुद्ध वैज्ञानिक पद्धति है, किसी अंध-विश्वास का हिस्सा नहीं।

यह बातें “आरोग्य भारती” की प्रांतीय शाखा के सौजन्य से बेऊर पटना स्थित संस्थान इंडियन इंस्टिच्युट ऑफ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च में, विश्व योग दिवस पर आयोजित योग-कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ ने कही। उन्होंने कहा कि युवाओं को रात्रि का हल्का भोजन कर, यथा साध्य शीघ्र सोना चाहिए तथा प्रातः काल सूर्योदय से घंटे भर पूर्व जग कर, शौच आदि से निवृत होकर अवश्य ही प्राणायाम के साथ योगाभ्यास और उसके उपरांत ध्यान करना चाहिए। इतना करने मात्र से जीवन की दशा और दृष्टि दोनों ही बदल जाएगी।
वरिष्ठ योगाचार्य पं हृदय नारायण झा ने प्राणायाम और योगाभ्यास की विधियाँ बताकर सामूहिक योगाभ्यास कराया। इसके पूर्व अपने उदबोधन में उन्होंने कहा कि योग का नियमित अभ्यास मनुष्य के आंतरिक आनन्द का विराट द्वार खोलता है। प्रत्येक व्यक्ति को इसका अभ्यास करना चाहिए।
आरंभ में आरोग्य भारती के प्रांतीय अध्यक्ष डा अशोक कुमार ने अतिथियों एवं योगाचार्य का स्वागत किया। संस्था के प्रांतीय सचिव डा गुरु शरण पाल, डा वी तिवारी, डा अजय शरण, डा केशव कुमार, श्री सच्चिदानन्द तथा अमरेन्द्र कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर संस्थान के संकायाध्यक्ष, छात्र कल्याण अहसास मणिकान्त, डा रूपाली भोवाल, डा नवनीत कुमार, प्रो मधु माला, डा संतोष कुमार सिंह, प्रो चंद्रा आभा, डा आदित्य ओझा, सूबेदार संजय कुमार, कुमार करुणानिधि, विनय कुमार, रवींद्र प्रजापति, बेबी कुमारी आदि बड़ी संख्या में संस्थान के शिक्षक, कर्मी एवं छात्रगण उपस्थित थे।