पटना:- आज डिप्लोमा फार्मासिस्ट आर्गनाइजेशन छात्र संघ बिहार की ओर से संवाददाता सम्मेलन कर छात्र संघ के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बिहार तकनीकी सेवा आयोग के अध्यक्ष से डिप्लोमा फार्मासिस्टों के 2473 पदों पर नियमित नियुक्ति हेतु जल्द से जल्द विज्ञापन प्रकाशित कर नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया अतिशीघ्र पूर्ण करने को कहा है बताते चले कि यह बहाली बिहार फार्मासिस्ट संवर्ग (संशोधन) नियमावली 2024 के अनुसार 75 अंकों की लिखित प्रतियोगिता परीक्षा एवं 25 अंक अनुभव के देय है और बी फार्म एवं एम फार्म उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी डिप्लोमा इन फार्मेसी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है यानी कि डिप्लोमा इन फार्मेसी अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता है।
माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डेय जी ने विधान सभा में अपने एक प्रश्न के उत्तर में भी स्पष्ट किया है कि माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा पारित न्यायादेश में डिप्लोमा इन फार्मेसी योग्यता के बिना बी फार्म एवं एम फार्म रखने वाले अभ्यर्थी फार्मासिस्ट के पद पर चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया में भाग लेने के पात्र नहीं हैं। दोनों के पाठ्यक्रम के मानक पूरी तरह से अलग है, बी फार्म एवं एम फार्म योग्यताधारी आम तौर पर औद्योगिक क्षेत्र में लगे होते हैं, साथ ही स्वास्थ्य विभाग में ड्रग इंस्पेक्टर और अन्य उच्च पदों के संदर्भ में रोजगार का अवसर मिलता है। और माननीय उच्च न्यायालय के न्यायादेश के आलोक में ही बी फार्म एवं एम फार्म उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी डिप्लोमा इन फार्मेसी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है का प्रावधान किया गया है।
माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा राज्य सरकार को आदेश दिया गया था कि लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद तीन माह के अंदर सिर्फ डिप्लोमा फार्मासिस्टों की नियमित नियुक्ति हेतु नया विज्ञापन प्रकाशित कर नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाय लेकिन लोकसभा चुनाव खत्म हुए लगभग 6 माह पूरे हो गए, अभी तक नियमित नियुक्ति हेतु विज्ञापन भी प्रकाशित नहीं की गई है ससमय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं होने पर मेरे द्वारा अवमानना वाद याचिका भी दायर की गई है ।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा डिप्लोमा फार्मासिस्टों के 2473 रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति करने हेतु अधियाचना लगभग डेढ़ माह पहले ही भेजी जा चुकी है लेकिन आज तक विज्ञापन प्रकाशित नहीं की गई है।
राज्य के लगभग सभी सरकारी अस्पतालों में डिप्लोमा फार्मासिस्ट के पद रिक्त हैं और मरीजों को अप्रशिक्षित लोगों से दवा एवं परामर्श लेनी पड़ रही है, सरकारी अस्पतालों में फार्मेसी एक्ट का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन किया जा रहा है ।
संवाददाता सम्मेलन में संघ के सभी पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य रजत, कपिलदेव, मनीष, चंचल, हरे राम, माधव, अमित, अंकित,सूरज मौजूद रहे।