शिक्षा व्यवस्था की खुली पोल जांच में जुटी शिक्षा विभाग

kushmediaadmin
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गोपालगंज से नमो नारायण मिश्रा:- बिहार में शिक्षा विभाग को सुदृढ़ करने के लिए भले ही अपर मुख्य सचिव के के पाठक को शिक्षा विभाग का कमान दिया गया है। लेकिन गोपालगंज में इसका कोई असर दिखाई नही दे रहा है।आज भी ऐसे कई शिक्षक है जो महज खानापूरी पूर्ति करने के लिए कभी कभार स्कूल में आते हैं। और एक ही बार में कई दिनों का उपस्थिति बना कर चले जाते हैं। ऐसे दबंग मनमानी करने वाले शिक्षकों के खिलाफ गोपालगंज शिक्षा विभाग भी करवाई करने असमर्थ है।
ताजा मामला बरौली प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बनकटी का है। यहां पर 15 शिक्षक और 332 छात्र स्कूल में नामांकित है। इस स्कूल में एक महिला शिक्षिका रश्मि तिवारी है। जो पढ़ाने के लिए कभी-कभार ही स्कूल आती है। अक्सर वे अपने घर बेतिया में रहती हैं। उनके पति शिक्षा विभाग में एमडीएम कोआर्डिनेटर के पद पर तैनात है। शिक्षा विभाग में पति के इसी पद की वजह से शिक्षिका रश्मि तिवारी स्कूल से अक्सर गायब रहती है। उनका दबंग प्रभाव ऐसा है की इस स्कूल के प्रधानाध्यापक माया लाल ठाकुर भी खुलकर बोलने से कतराते है। प्रधानाध्यापक ने शिक्षिका रश्मि तिवारी के बारे में बताया कि शिक्षिका के द्वारा उनके पास कोई छुट्टी का आवेदन नहीं दिया गया है। वे स्कूल में कई दिनों से पढ़ाने के लिए नहीं आ रही है। वही इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी राज कुमार शर्मा ने कहा कि के के पाठक के अपर मुख्य सचिव का पद संभालते ही सभी विद्यालयों में शिक्षक और छात्रों की उपस्थिति बढ़ गयी है। रश्मि तिवारी के विद्यालय नही आने के सवाल पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहाकि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नही है।इस मामले की जांच कर रश्मि तिवारी के खिलाफ करवाई की जाएगी। बहरहाल अब देखना यह है शिक्षिका रश्मि तिवारी के खिलाफ क्या और कब करवाई होती हैं।

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